श्री कृष्ण और अर्जुन संवाद जो गीता उपदेश बनकर आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहा है।
एक संवाद ही तो था जिसने अर्जुन को युद्ध में विचलित होने से बचा लिया और श्री कृष्ण ने सारथी के रूप में उसे वो उपदेश दिया जो गीता के रूप में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया।
श्री कृष्ण और विदुर संवाद जिसने प्रेम को उसकी ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया।
श्री कृष्ण और राधा संवाद, गोपियों और उद्धव के बीच संवाद, श्री राम और विभीषण के बीच संवाद, केवट और श्री राम के बीच संवाद, श्री कृष्ण और कर्ण के बीच संवाद, श्री कृष्ण और द्रोपदी के बीच संवाद.....संवाद जब भी किसी अच्छे उद्देश्य के साथ हुआ है उसने इतिहास रचा है। अच्छे उद्देश्य के लिए किया गया कोई भी कार्य व्यर्थ नहीं होता। एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना और निस्वार्थ प्रेम के साथ स्वार्थी नहीं सारथी बनने की कोशिश करना यही धर्म है। तर्क वितर्क सब व्यर्थ है। ✍️ अनुजा कौशिक
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