Thoughts on life, psychological and social problems along with their possible solutions
Anugoonz
Tuesday, November 24, 2020
स्वयं से प्रेम कीजिये
हम क्या सोचते हैं..कैसे सोचते हैं और ज़िन्दगी की समस्याओं का हल कैसे ढूंढते हैं ये काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम राय किसकी लेते हैं..हर कोई अपने अनुभव के हिसाब से राय देता है..हर कोई ज़िन्दगी को अलग ढंग से समझता है..दुर्योधन ने शकुनि की राय ली थी..कैकयी ने मंथरा से और विभीषण ने श्री राम से..अर्जुन ने श्री कृष्ण जी से..अगर सोचा जाये तो इन लोगों ने तो सिर्फ अपनी सलाह दी थी..मार्ग प्रशस्त किया था..मगर फिर भी हम सलाह पाने के बाद खुद से कैसे बातचीत करते हैं यही तय करता है कि हम समस्याओं में उलझ जाएंगे या सुलझ जायेंगें..अपने सबसे बड़े दुश्मन हम खुद हैं..खुद पर विश्वास और प्यार करना कभी नहीं सीखते..ज़िन्दगी को अगर गहराई से समझेंगें बिल्कुल शांत दिमाग़ से तो पायेंगें कि हमारे अनुभव हमें धीरे धीरे आध्यात्म की ओर ले जाते हैं और आध्यात्म हमें सिर्फ सत्य और प्रेम की ओर ले जाता है..इसलिए खुद से प्रेम कीजिये और सकारात्मक बातें कीजिये..ज़िन्दगी आसान लगने लगेगी..खुद को और दूसरों को समझना भी शायद आसान हो जाये..ऐसा मेरा दृष्टिकोण है.. वास्तविक बनिये.. ईश्वर हम सभी को सरलता और मासूमियत प्रदान करे.. आप सब क्या सोचते हैं इस बारे में ?? 🙏♥️💐✍️अनुजा कौशिक
Monday, November 9, 2020
देवभूमि उत्तराखंड ♥️💐
देवभूमि उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर लिखने का आज कुछ मन हुआ..दिल के बेहद करीब है यह भूमि मेरे..मुझे हरियाणवी होने पर बहुत गर्व है क्योंकि हरियाणा मेरी जन्मभूमि है और उत्तराखंड में रहने पर मुझे इससे भी बेहद प्यार हो गया है क्योकि ये हमारी कर्मभूमि है..इंसान का दाना पानी उसे जहाँ लें जाता है उसे वहाँ जाना ही पड़ता है..हिमाचल की खूबसूरत राजधानी से जब हमारा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तबादला हुआ तो मन बहुत मायूस था कि शिमला जैसे स्वर्ग को छोड़ना पड़ेगा परन्तु देहरादून में आने पर भी वैसा ही महसूस हुआ..यहाँ पर मौसम और भी सुहावना था..सामाजिक ज़िन्दगी और भी ज्यादा अच्छी थी..अच्छे दोस्त मिले..हरिद्वार.. ऋषिकेश मेरे प्रिय स्थल है..मैं अक्सर वहाँ जाना पसंद करती हूँ..गंगा किनारे बैठना..लहरों की चंचलता और गहराईयों में खो जाना..सुंदर आरती देखना और भक्ति में लीन हो जाना..ज़िन्दगी को हृदय की गहराइयों से सोचना..सुंदर विचारों की जैसे एक झड़ी सी लग जाती है..वो गहरी शांति सुकून जैसे सचमुच के देवलोक में आ गये हों..देहरादून के आसपास के छोटे बड़े बहते झरने, नदियाँ..यहाँ के मिलजुल कर मनाये जाने वाले तीज त्यौहार, लोगों का विचार व्यवहार जैसे मन को ही भा गया था.. देवभूमि ने अपनी ओर खींच ही लिया और अपना बना ही लिया.. हालाँकि बहुत से खट्टे अनुभव भी हुए परन्तु मीठे अनुभवों के सामने उनका कुछ भी अस्तित्त्व नहीं.. जो होता है शायद उसमें भी कुछ अच्छा ही छिपा होता है..देवभूमि के लिये हमारे भी कुछ कर्तव्य हैं..इसको साफ, सुंदर और पवित्र बनाये रखने के लिये निरंतर प्रयास करना..बड़े शहरों के जैसे कंक्रीट जंगल बनने से रोकना..बहुत दुखी होता है मन जब लोगों को इस खूबसूरत भूमि में ऊँची ऊंची मंज़िल खड़ा करते हुए देखती हूँ तो...कूड़ा कर्कट फैलाते हुए देखती हूँ तब.. इसकी ख़ूबसूरती और शान्ति को बनाये रखना हमारा पहला धर्म है.. I Love Uttarakhand ♥️♥️💐💐
खूबसूरत रिश्ते
हमें हर रिश्ते में अपना 100% देना चाहिये..शब्द कम हों और समझ ज्यादा हो..शब्द हों तो ऐसे हों जिन्हें लेकर बाद में पछतावा ना हो..फ़र्क इस बात से नहीं पड़ना चाहिये कि कोई हमारे बारे में क्या और कैसा सोचता है..बल्कि फ़र्क तो इस बात से पड़ना चाहिये कि हमारे उनकी ज़िन्दगी में होते हुए उन्हें इतना गलत अनुभव हुआ भी तो कैसे..? 🤔 प्रेम और विश्वास इतना प्रगाढ़ होना चाहिये कि हमसे कोई गलती होने ही ना पाये और हो भी जाये तो हम एक दूसरे को फिर भी स्पेशल महसूस करायें क्योंकि खूबसूरत रिश्तों से बढ़कर कुछ भी नहीं..
*शुभ संध्या*..
*जय श्री राधे कृष्ण*🙏♥️💐
नारी शक्ति के लिये आवाज़ #मणिपुर
'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता' जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं। यही मानते हैं ना हमारे देश में? आजक...