***ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग...फोन की घंटी बजती है..लड़का देखता है उसके दोस्त का फोन है..वो उठा लेता है..
"हाँ बोल भाई सचिन, कैसा है तू"? राघव ने पूछा
"यार परीक्षा का रिज़ल्ट आने वाला है बहुत घबराहट हो रही है" सचिन ने कहा"
"डोंट वरी यार जो होगा देखा जाएगा तुम टेंशन मत लो" राघव बोला
फिर राघव की मम्मी सचिन को अपनी ज़िन्दगी के अनुभव बताकर उसे थोड़ा सा प्रोत्साहित करती है और समझाती है कि अब अगली कक्षा की तैयारी में अच्छे से जुट जाओ..अब पिछली कक्षा के मार्क्स की चिंता मत करो..आदि आदि
दोस्त का फोन हर रोज़ आने लगता है अपनी बेचैनी को अपने दोस्त के साथ साझा करके अपने मन को शांत करने के लिए..
एक दो दोस्त की और भी कॉल्स आती हैँ वो भी आधी रात को..दोस्त से अपनी बेचैनी बांटने के लिए..
राघव की मम्मी ने राघव से बड़े प्यार से कहा " बेटा रिज़ल्ट चाहे कुछ भी हो सबसे ज्यादा ज़रूरी है मानसिक स्वास्थ्य.. सिर्फ अच्छे नंबर किसी की योग्यता को नहीं परख सकते..आप अपने दोस्तों को धैर्य से सुन लिया करो इससे उनकी बेचैनी दूर हो जाएगी और आप जो महसूस करते हो मुझसे बेझिझक शेयर कर सकते हो 🤗***
✍️ ये कहानी नहीं सच्चा वार्तालाप है दोस्तों के बीच जो परीक्षा के रिज़्लट के आने की चिंता से इतने ग्रस्त हैँ कि बेचैन हो उठे हैँ..रातों की नींद गायब हो चुकी है..बार बार मैं इस विषय पर लिखने के लिए बेबस हूँ..ICSE के रिज़ल्ट आये तो अख़बार में भी पढ़ा कि एक लड़की ने रिज़ल्ट से एक दिन पहले आत्महत्या कर ली और जब रिज़ल्ट आया तो उसके 71% मार्क्स आये थे..क्या सिर्फ 90% वाले बच्चे ही बेहतर कर सकते हैँ..70 या 80% वाले नहीं.. ज़रूर पेरेंट्स की उम्मीदें उनके अंदर बेचैनी जगा देती होंगीं.. क्यों बच्चे बेचैन हैँ.. आत्महत्या करने को मज़बूर हैँ..क्यों नहीं पेरेंट्स के साथ शेयर कर सकते वे अपने दिल की बात? CBSE का 10वीं और 12वीं का रिज़ल्ट आने वाला है..बच्चे पहले से ही बहुत बेचैन हैँ..परिणाम चाहे अच्छा हो, सामान्य हो या बुरा हो.. अपने बच्चों से खुलकर बात कीजिये कि आपकी ज़िन्दगी में उनका होना ही बहुत महत्वपूर्ण है..मानसिक स्वास्थ्य बहुत ज़रूरी है..इस वक्त बच्चों को अपने माता पिता के साथ की सख्त ज़रुरत है..डांटिए मत.. भविष्य के लिए अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित कीजिये.. उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को निखारने में उनका सहयोग कीजिये..हर बच्चा स्पेशल है..उन्हें अपने मनपसंद विषय चुनने दीजिये..उन पर विश्वास रखिये..फिर बच्चे हमारी उम्मीदों पर ख़रा ज़रूर उतरेंगें..क्या आप सहमत हैँ मेरे विचारों से ? आपकी क्या राय है ज़रूर लिखियेगा..सहमत हों तो शेयर कीजिये ✍️अनुजा कौशिक
Very true & every parents have responsibility to do a meaningful parenting
ReplyDeleteNice post
ReplyDeleteRight said... Results are important Bt what is the real cost of this... We Must know..its not the end.. It's always a new start till you exist in this beautiful world..be positive 👍
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