Anugoonz

Sunday, September 5, 2021

जीवन के शिक्षक

 



ज़िंदगी के सबसे पहले गुरु मेरे माता पिता जिन्होंने मुझे शुरु से ही अनुशासन में रहने के संस्कार दिये। माँ से मुझे दया,अथक परिश्रम और सहानुभूति जैसे गुण प्राप्त हुए। पापा से मुझे मिली ईमानदार और सहनशील होने की सीख और समाज को एक क्रांतिकारी नज़रिये से देखने की सोच और लेखन विद्या। उन्हें कोटि कोटि प्रणाम इतना खूबसूरत जीवन देने के लिए। 


अगला पड़ाव मेरे स्कूल का था। प्राईमरी स्कूल में मुझे सभी शिक्षकों के नाम याद है शक्ल सूरत के साथ। सभी बहुत अव्वल दर्ज़े के थे, वहीं से नींव पड़नी शुरु हो गयी थी एक अनुशासित व्यक्तित्व की। 


प्राईमरी स्कूल के बाद अगला पड़ाव हमारे नवोदय का आया। प्रतियोगी परीक्षा पास करके वहाँ एडमिशन हुआ। स्कूल में प्रवेश करते ही अमिता मैम से माँ जैसा प्यार मिला। अंजना और शैली मैम ने थोड़ा ढील देते हुए अनुशासन मे रहना सिखाया। हमारी उषा मैम ने हमें बड़े बड़े प्रश्न याद करने सिखाये। कुछ दिन बाद् मधु मैम और सत्यभामा मैम आई और हमें प्ले ग्राउंड के इतने चक्कर लगवाए कि हमें एहसास हुआ कि हम फौज में भर्ती हो गये हैँ ।😁 धीरे धीरे वे हमारे माता पिता जैसे होते चले गये..थोड़े से नर्म और थोड़े से सख्त। दयाशंकर सर, सुनीता वशिष्ठ मैम,कृष्णा मैम, और भी शिक्षक गण अपनी ज़िम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से समर्पित थे।समय पर उठना,अनुशासन में रहना, ज़िंदगी की कठिनाइयो में संघर्ष करते रहना,सामजस्य बैठाये रखना,  सहनशक्ति बनाये रखना,प्रेम से रहना,कभी कभी थोड़े में भी खुश रहना,सादा सच्चा जीवन जीना, रिश्तों को सर्वोपरि रखना, आपसी मेलजोल के साथ रहना सब वहीं पर तो सीखा था। सभी गुरुजनों को इतना कीमती ज्ञान और अनमोल सीखें देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।


कॉलेज़ में भी ज़िंदगी की बहुत सारी महत्वपूर्ण सीख मिली। हमारे उस समय के प्रिंसिपल वशिष्ठ सर ने, गौड़ सर, जे ऐन शर्मा सर,दलबीर सर और जे पी सर सभी ने बहुत अच्छे से पढ़ाया और ज़िंदगी में आगे बढ़ने के काबिल बनाया। सभी गुरुओ के द्वारा दिये गये मार्गदर्शन के लिए उन्हे श्रद्धा पूर्वक प्रणाम। 


आखिरी गुरु मेरी ज़िंदगी जिसमें समय समय पर मिले लोगों से मैने बहुत कुछ सीखा। कुछ ने प्रोत्साहित किया, कुछ ने सबक दिया,कुछ ने साथ दिया और कुछ ने साथ छोड़ दिया। फिर भी गर्व से कहती हूँ मेरी ज़िंदगी के अनुभवों ने मुझे हर परिस्थिति में संतुलन बनाना सीखाया,प्रेम ही सर्वोपरि है ऐसा पाठ पढ़ाया। मेरी ज़िंदगी में आने वाला हर इंसान (चाहे अच्छा किया या बुरा) हर मायने में वंदनीय है क्योंकि उन्होने मुझे मज़बूत बनना सिखाया। मेरी ज़िंदगी में आने वाला हर इंसान मेरा गुरु है सभी को सादर प्रणाम 🙏



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