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Monday, September 27, 2021

प्रेरणादायक व्यवहार एवं प्रशंसा भरे शब्द 🤗

 


हमें कभी भी छोटे छोटे प्रशंसा भरे हाव भाव एवं शब्दो व किसी के लिए हमदर्दी भरे शब्दों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमारा व्यवहार और शब्द ऐसे होने चाहियें जिससे किसी के मन को तसल्ली और प्रेरणा मिले। हम अक्सर अपने आस पास के लोगों के द्वारा हो रहीं छोटी छोटी कोशिशों और उनको उनके संघर्षों से जूझकर देखते हुए चुप रह जाते हैँ। इसके विपरीत अगर दो शब्द दिल से हमदर्दी या प्रेम - प्रशंसा के बोल दिये जाएँ तो शायद वे शब्द हमें भीतर तक अच्छा महसूस कराएं या ना कराएं किसी दूसरे के मन आत्मा को प्रोत्साहन ज़रूर दे सकते हैँ। किसी की ज़िंदगी बदल सकते हैँ।

आज जैसे ही बेटे के स्कूल जाते समय एक चाय,समोसा ,पूरी सब्ज़ी बनाने वाले के ठेले के सामने से गुज़रते हुए ख्याल आया कि आज यहीं चाय पीते हैँ । पूरी सब्ज़ी भी पैक करा लेंगें। इतने में एक छोटा सा बच्चा आकर दुकानदार से सिगरेट माँगता है तो दुकानदार कहता है कि हमने सिगरेट बेचनी अब बंद कर दी है।अब मेरा सोशल वर्कर वाला दिमाग और दिल दोनो 😍...मैने दुकानदार से बातचीत शुरु की। सबसे पहले खूब तारीफ़ की उसकी चाय और समोसे की। उसको उसका बिजनेस बढ़ाने के लिए एक दो तरीके मै अपनी पहली विज़िट में बता चुकी थी। लेकिन आज मैने उसकी जमकर तारीफ़ की और समझाया भी कि बहुत अच्छा किया कि आपने अपने ठेले पर सिगरेट, तम्बाकू , गुटका आदि बेचने बंद कर दिये क्योंकि इससे हमारी युवा पीढ़ी भटकाव की तरफ जा रही है। एक इंसान जब किसी अच्छी चीज़ की शुरुआत करता है तो वो समाज के बाकी लोगों को भी प्रेरित करता है।

दुकानदार भी हां में हां मिला रहा था और सहमति के साथ कि कभी अपनी दुकान पर इस तरह की सामग्री नहीं रखेगा। उसकी बातों में उत्साह और सफूर्ती झलक रही थी। शायद मन में एक अच्छाई की ज्योति प्रज्ज्वलित हो गयी थी..भविष्य में और भी ज्यादा अच्छा करने की।

एक शिक्षित और ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें अक्सर बातचीत करते रहना चाहिए अपने आस पास के लोगों से, उत्साह वर्धन करते रहना चाहिए, प्रशंसा भरे शब्द भी भरपूर प्रयोग में लाने चाहियें और ज़रूरत पड़े तो निंदा भी एक सकारात्मक भाषा में ज़रूर करनी चाहिए। हमें गलत के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करनी और सही के लिए प्रशंसा करनी आनी ही चाहिए।
✍️ अनुजा कौशिक 

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